Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय तकदीर मेरी मोहन बना देना

तकदीर मेरी मोहन तुमको ही बनाना है।
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तकदीर मेरी मोहन तुमको ही बनाना है।
भव में है फसी नैया तुम्हें पार लगाना है। 

मै तड़प रही पलपल तुमसे ही मिलने को,
दर्शन देकर भगवन,अब लाज बचाना है। 

तुम ही मेरे सब कुछ अब और नही कोई, 
रिस्ता जो बनाया है तुमको ही निभाना है। 

अपनों ने दिए धोखे उपकार किया भारी,
वर्ना  कैसे मिलते ,सचमुच  यह माना है। 

मेरा तुमसे मिलना, सचमुच सुख देता है,
संबंध सजन अपना,जग से अनजाना है। 

संसार की नजरों में ,मैं पागल ,मूरख हूँ,
संसार से दूर रहूं, 'सरिता' मन  ठाना है। 

सुनीता गुप्ता 'सरिता'कानपुर

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9 Comments

Nice 👍💐

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Gunjan Kamal

14-Nov-2022 07:58 PM

बहुत सुंदर प्रस्तुति

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Rafael Swann

14-Nov-2022 07:55 PM

Bahut khoob

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